राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) (National Savings Certificate – NSC) और किसान विकास पत्र (के वी पी) (Kisan Vikas Patra – KVP) ऐसे निवेशकों के बीच बहुत लोकप्रिय निवेश के तरीके हैं जो पूंजी की सुरक्षा (safety of principal) की मांग करते हैं। लेकिन चूंकी इन दोनों में बहुत समानता है, इन दोनों के बीच चयन करते हुए कोइ भी भ्रमित हो सकता है। यहाँ एनएससी और के वी पी की की तुलना है, जो आप को निवेश का सही निर्णय लेने में मदद करेगा।

 

विशेषता राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) किसान विकास पत्र (के वी पी)
कौन जारी करता हैभारत सरकार का पोस्ट विभाग भारत सरकार का पोस्ट विभाग
खरीदा जा सकता है अधिकृत डाकघरों सेअधिकृत डाकघरों से
जोखिम श्रेणी (risk category)जोखिम मुक्त (risk free)जोखिम मुक्त (risk free)
ब्याज का प्रकार तय (fixed)तय (fixed)
ब्याज दर 8% 8.25%
परिपक्वता 6 वर्ष 8 साल और 7 महीने
निवेश राशि आयकर (आईटी) अधिनियम की धारा 80C (Section 80C of Income Tax – IT- Act) के अंतर्गत लाभ के लिए पात्र ? हाँ नहीं
अर्जित ब्याज आयकर (आईटी) अधिनियम की धारा 80C (Section 80C of Income Tax – IT- Act) के अंतर्गत लाभ के लिए पात्र ?हाँ नहीं
परिपक्वता पर रु. 100 हो जाते हैं रु. 160.10 रु. 200
न्यूनतम निवेश रु. 100 रु. 100
अधिकतम निवेश कोई सीमा नहीं कोई सीमा नहीं
अन्य विशेषताएँ ब्याज का पुनर्निवेश होता है, और परिपक्वता के समय मूल के साथ भुगतान होता हैनिवेश की परिपक्वता पर दुगुना धन मिलता है

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निष्कर्ष

इस प्रकार हम देखते हैं कि राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) और किसान विकास पत्र (के वी पी) के बीच मुख्य अंतर है निवेश का कार्यकाल, वापसी की दर (rate of return – रेट ऑफ़ रिटर्न) और उनकी आयकर पर छूट (income tax relief) की पात्रता।

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