किसान विकास पत्र (केवीपी) (Kisan Vikas Patra – KVP) निवेश का एक निश्चित ब्याज (fixed income), दीर्घकालिक (long term) ज़रिया है। केवीपी भारत सरकार के डाक विभाग (Department of Posts) द्वारा जारी किए जाते हैं। चुँकि यह भारत सरकार के द्वारा समर्थित हैं, केवीपी वस्तुतः निवेश का बिना जोखिम का मार्ग हैं। यह अधिकृत डाकघरों से ख़रीदे जा सकते हैं।

केवीपी की परिपक्वता (maturity) 8 साल और 7 महीने की है। यह प्रति वर्ष 8.25% की रेट आफ़ रिटर्न प्रदान करते हैं। परिपक्वता और ब्याज की दर को इस तरह समायोजित किया गया है कि केवीपी में निवेश परिपक्वता पर दुगुना हो जाता है। इस प्रकार, केवीपी में रु. 100 का निवेश 8 साल और 7 महीनों में 200 रु. हो जाता है।

केवीपी में निवेश कि वजह से कर (tax) में कोइ विशेष छूट नहीं है। इसका मतलब है कि आयकर अधिनियम (आईटी) की धारा 80C (Section 80C of the Income Tax – IT – Act) के अंतर्गत लाभ के लिए पात्र नहीं है।

केवीपी 100, 500, 1000, 10000 और 50000 रुपए के मूल्य (denomination) में जारी किए जाते हैं। इसमें न्यूनतम निवेश 100 रुपये है। निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।

किसान विकास पत्र (केवीपी) की विशेषताएं

  • निवेश के लिए निश्चित ब्याज (fixed income), दीर्घकालिक (long term), बिना जोखिम का (risk free) मार्ग
  • अधिकृत डाकघरों में उपलब्ध
  • परिपक्वता: 8 साल और 7 महीने
  • वापसी की दर (रेट ऑफ़ रिटर्न): प्रति वर्ष 8.25%
  • आयकर अधिनियम कि धारा 80C (Section 80C of the Income Tax – IT – Act) के अंतर्गत लाभ के लिए पात्र नहीं है
  • ऋण प्राप्त करने के लिए एक ज़मानत के रूप में उपयोग किया जा सकता है
  • मूल्य (denomination): रु. 100, 500, 1000, 10000 और 50000
  • न्यूनतम निवेश: रु. 100
  • अधिकतम निवेश: कोई ऊपरी सीमा नहीं
  • प्रमाणपत्र का समय से पहले (premature) नकदीकरन: निवेश के 2.5 वर्षों के बाद संभव
  • टी. डी. एस. (Tax Deducted at Source – TDS) नहीं
  • नामांकन (nomination) की सुविधा उपलब्ध
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